By Ravi Kumar | Modlingua
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“शमा हर रंग में जलती है सहर होने तक…”
प्रो. वशिनी शर्मा की पुण्य स्मृति में 16 जनवरी 2021 को शाम 5 बजे Modlingua, विचारक मंच और केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा एक विशेष ई-संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का संयोजन रवि कुमार (Modlingua) और श्री अनुपम श्रीवास्तव (केंद्रीय हिंदी संस्थान) ने किया। यह आयोजन YouTube चैनल पर भी प्रसारित किया गया।
संगोष्ठी में अशोक चक्रधर, विजय कुमार मल्होत्रा, प्रो. जगन्नाथन, प्रो. बीना शर्मा, प्रो. मीरा सरीन, विक्रांत शास्त्री, प्रो. अश्विनी श्रीवास्तव, प्रो. सुरेंद्र गंभीर, प्रो. गोस्वामी सहित अनेक वरिष्ठ शिक्षाविदों और सहयोगियों ने वशिनी जी के योगदान और व्यक्तिगत स्मृतियों को साझा किया।
उनकी बालसुलभ जिज्ञासा, शुद्ध उच्चारण के पाठ्यक्रम, हैदराबादी हिंदी पर शोध लेख, भाषा प्रयोगशाला, Business Hindi योजना, और Edutainment-आधारित शिक्षण योजना—ये सभी वशिनी जी की असाधारण दृष्टि और समर्पण के प्रतीक हैं।
कार्यक्रम के अंत में तीन संकल्प लिए गए:
- विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रस्तुत मानक हिंदी पाठ्यक्रम को लागू करना
- मॉरीशस सम्मेलन में स्वीकृत सी-डैक रूपरेखा को विदेश मंत्रालय से सहयोग प्राप्त कर आगे बढ़ाना
- विदेशी छात्रों के लिए हिंदी फ़िल्मों पर आधारित Edutainment ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रारंभ करना
वशिनी जी की आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 'वसुधा' पत्रिका की संपादिका श्रीमती स्नेहा ठाकुर ने गीता के श्लोक 'अच्छेद्योS यमदाह्योSयमक्लेद्योSशोष्य एव च' का पाठ किया।
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